इस क्षण का हम क्या करें

graficiपल –पल जुड़कर हमारी ज़िंदगी बनाती है . इन पलों में कई बार हमारे सामने कुछ आनंदपूर्ण क्षण आते हैं . और उसके साथ ही आती है एक असमंजस की स्थिति .

एक क्षण जो हमारे सामने आता है उसका हम क्या करें ? उसका आनंद उठाएँ या उसे बाँध कर अपने पास रख लेने का प्रयास करें ? चाहे वह कोई मनोरम दृश्य हो या फिर कोई अनोखा क्षण , किसी से मुलाक़ात के पल हों या किसी कार्यक्रम की प्रस्तुति – हम उस क्षण में डूबने और उसका आनंद लेने की बजाय, उसे कैद करने में जुट जाते हैं – अपने फोन के कैमरे में . अधिकतर मैं देखती हूँ कि मंच पर कोई कार्यक्रम चल रहा होता है और लोगों की निगाह मंच पर नहीं बल्कि अपने फोन पर होती है जिस के परदे पर वे उसे रिकार्ड कर रहे होते हैं . मुझे उस वक़्त उन लोगों से पूछने का दिल करता है कि आपका इस कार्यक्रम में आने का मकसद क्या था भई ? इस कार्यक्रम का आनंद लेने का या फिर उसे अपने कैमरे में क़ैद करने का ? शायद यह मनुष्य की अमरत्व प्राप्ति की इच्छा का प्रतीक है . उस पल को क़ैद कर वह उसे अमर बना देना चाहता है ताकि वह बीत न जाए . ताकि वह उसकी मुट्ठी में क़ैद रहे और वह जब चाहे अपने मुट्ठी खोल कर उस पल को दुबारा देखा सके.

मज़े की बात ये है कि कैमरे में क़ैद की गयी उस तस्वीर या वीडियो को कोई दुबारा शायद ही देखता हो . उस का मक़सद सिर्फ उसे सोशल मीडिया पर शेयर करना होता है – देखो मैंने इस को देखा . पर देखा कहां ? आपने तो सिर्फ उसे क़ैद किया . मुझे लगता है इसके पीछे मनुष्य की दो प्रवृत्तियाँ झलकती हैं – एक यश लिप्सा और दूसरी अधिग्रहण की आतुरता . चाहे वह एक सुन्दर सा फूल हो या कोई अन्य वस्तु , जैसे ही कोई चीज़ हमें अच्छी लगती है हमारे अन्दर उसे अपने पास रख लेने की एक अदम्य इच्छा जाग उठती है . इसी प्रकार ,हमारी एक और प्रवृत्ति है – अपनी तुच्छ से तुच्छ उपलब्धि को सारी दुनिया के सामने उजागर करने की प्रबल अभिलाषा .

शायद इसी कारण हम हर मनोरम पल को अपने कैमरे में क़ैद कर लेना चाहते हैं , उसे अमर बना देना चाहते हैं और फिर सारी दुनिया के सामने उस उपलब्धि का प्रदर्शन करने को आतुर रहते हैं . देखा जाये तो यह कोइ बुरी बात नहीं है परन्तु सोचने वाली बात यह है कि आनंद किसमें है – उस पल में मग्न हो जाने में उसमें भावविभोर हो जाने में या फिर उसे कैद कर अपने उपलब्धियों का बखान करने में .

आप क्या करेंगे यह आप पर निर्भर है . आप चाहे तो ज़िंदगी के हर मनोरम पल का भरपूर आनंद उठा सकते हैं या फिर उसे कैद कर उपलब्धि प्रदर्शन कर गौरवान्वित हो सकते है.  आप क्या करेंगे चुनाव आपका है – ज़िंदगी आपकी है फैसला आपका है .

Published by

Nupur Ashok

Writer and Artist

4 thoughts on “इस क्षण का हम क्या करें”

  1. Beautifully written dr. Nupur!! I think people record moments to be to post/ share on social media and also to relive them later. But I have to ask.. How do you relive a moment of you didn’t “live” it completely in the first place??What makes an event memorable is that ALL your senses are involved and excited and its that ” feeling” that you recall. Call me old fashioned but in my opinion, if you’re so focused on getting a good shot, you loose out on making a complete memory.

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